

आपो वा इदाः सर्वम् विश्वभूतान्यापाः।
श्रागावापः पासव अपोन्नमपोमृतम् आपः।।
जल ही ब्रह्माण्ड, उसका भूत और उसका वर्तमान है। खाद्य पदार्थ और जीव जल हैं, आसपास की सारी वनस्पति जल है और जल जीवन के लिए अमृत के समान है।
आपो वा इदाः सर्वम् विश्वभूतान्यापाः।
श्रागावापः पासव अपोन्नमपोमृतम् आपः।।
जल ही ब्रह्माण्ड, उसका भूत और उसका वर्तमान है। खाद्य पदार्थ और जीव जल हैं, आसपास की सारी वनस्पति जल है और जल जीवन के लिए अमृत के समान है।